जानिए ! कुंडली में धन योग है या नहीं | Dhan Yog in kundali
जानिए ! कुंडली में धन योग है या नहीं | Dhan Yog in kundali . जन्म से लेकर मृत्युपर्यन्त प्रत्येक व्यक्ति को धन की जरूरत होती है वस्तुतः जीवन यापन के लिए धन तो सब के पास होता ही है परन्तु सभी लोग धनी नहीं होते है। धनी तो वही होते है जिसके भाग्य में धन लाभ का योग होता है। कहा जाता है कि यदि धन आना होता है तो किसी न किसी तरह से लक्ष्मी आएगी ही । कई बार यह भी देखने में आता है कि धन तो आता है परन्तु टिक / रूक नहीं पाता है। अक्सर यह भी देखा गया है कि कठिन परिश्रम के बावजूद उतना लाभ नहीं मिल पाता जितना मिलना चाहिए। इस तरह के अनेक प्रश्न जीवन यात्रा में आते रहते है और उक्त प्रश्नों /सवालों का जबाब ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से दिया जा सकता है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार आपकी जन्मकुंडली में धन सुख या धनी बनने के लिए राजयोग, गजकेसरी योग, चन्द्र-मंगल योग, पञ्च महापुरुष योग आदि होना चाहिए। करोड़पति बनने के लिए उक्त योग का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है।
प्रस्तुत लेख के माध्यम से जन्मकुंडली में धन की दृष्टि से शुभ तथा अशुभ भावों एवं ग्रहों के मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव का सविस्तार वर्णन करने का प्रयास किया गया है।
Dhan Yog in Kundali | कुंडली में धन भाव
प्रथम भाव – व्यक्ति स्वयं
दूसरा भाव – धन भाव
पंचम भाव – त्रिकोण / लक्ष्मी भाव
नवम भाव – भाग्य स्थान
दशम भाव – कर्म भाव
एकादश भाव – लाभ भाव
अर्थात जन्म कुंडली में कुंडली में धन योग ( Dhan Yog in kundali ) के लिए विद्यमान बारह भावों में उपर्युक्त भाव का महत्त्वपूर्ण स्थान है उक्त भाव तथा भाव के स्वामी का एक दूसरे से केंद्र अथवा त्रिकोण आदि शुभ स्थानों में स्थित होकर शुभ दृष्ट अथवा शुभ युति से संबंध स्थापित होता है तब व्यक्ति करोड़ो की सम्पत्ति का मालिक होकर सुख-सुविधा का उपभोग करता हुए जीवन व्यतीत करता है।
Dhan Yog in Kundali | कुंडली में करोड़पति बनने के योग
- यदि जन्म व चंद्र कुंडली में ( जब भी कुंडली का विवेचन करे तो चन्द्र कुंडली अवश्य देखना चाहिए ) द्वितीय भाव (धन भाव) का स्वामी एकादश भाव ( लाभ भाव) अथवा लाभ भाव का स्वामी धन भाव में स्थित हो या दोनों भाव का स्वामी एक दूसरे भाव में जिसे परिवर्तन योग भी कहा जाता है हो तो व्यक्ति धनी होता है।
- धनेश तथा लाभेश दोनों एक साथ क्रेंद्र या त्रिकोण में स्थित हो और यदि भाग्येश (नवमेश) द्वारा दृष्ट हो तो जातक अवश्य ही धनवान होता है।
- एकादशेश पंचम भाव में तथा पंचमेश एकादश भाव में एवं स्थित हो और भाग्येश उसे देख रहा हो तो जातक धनवान होता है यदि इसके साथ किसी भी तरह से धनेश या धन भाव के साथ सम्बन्ध बन रहा हो तब तो क्या कहना सोने पे सुहागा।
- चंद्र – मंगल योग आपकी कुंडली में केंद्र या त्रिकोण में बन रहा है तथा धन कारक वृहस्पति से दृष्ट हो या युति हो तो जातक धनी होता है।
- यदि भाग्येश शुक्र को धनेश तथा लाभेश, बृहस्पति के साथ युति है या वृहस्पति उसे देखा रहा हो तो जातक प्रचुर धन का मालिक होता यह योग केवल कुम्भ लग्न या कुम्भ राशि के लिए ही होता है।
- लाभेश, नवमेश तथा द्वितीयेश (धनेश) इनमें से कोई एक भी ग्रह लग्न अथवा केंद्र में स्थित हो और बृहस्पति द्वितीय, पंचम अथवा एकादश भाव का स्वामी होकर केंद्र में हो तो जातक धनी होता है।
- नवमेश तथा दशमेश तथा पंचमेश का सम्बन्ध ग्रह धनेश या लाभेश या इस भाव से सम्बन्ध किसी भी तरह से बन है तो जातक धनी होता है और यदि यह सभी ग्रह एक दूसरे केंद्र या त्रिकोण में हो या एक ही भाव में स्थित हो तो जातक अवश्य ही करोड़ो का मालिक होता है। ऐसा जातक गरीब घर में भी पैदा लेकर धनी अवश्य बनता है
अमिताभ बच्च्न की कुंडली में धन योग
प्रस्तुत कुंडली प्रसिद्ध अभिनेता अमिताभ बच्चन की है ये करोड़पति है अरबपति है धनी है इसमें कोई संदेह नहीं है इन्हे सब कोई जानता है भले ही ये हमें न जानते हो ये तो नायक नहीं महानायक हैं। आइये एक नजर महानायक की कुंडली पर डालते है यह पता करते है कि उपर्युक्त धन योग इनकी कुंडली में है या नहीं।
यह सब कोई जानता है कि अमिताभ बच्चन के जीवन में बहुत ही उतार-चढाव आया है प्रस्तुत कुंडली कुम्भ लग्न की है लग्नेश शनि केंद्र में बैठकर धनेश बृहस्पति को देख रहा है यह दृष्टि सम्बन्ध इस बात का संकेत है कि जातक के लिए धन सर्वोपरि है। वही धन भाव का स्वामी बृहस्पति /गुरु ( Jupiter ) उच्च होकर धन भाव से पंचम होकर कर्म भाव, विदेश भाव तथा धन भाव को देख रहा है यहाँ पर बृहस्पति उच्च होकर दशम दृष्टि से धन भाव को देख रहा है दशम दृष्टि से धनेश का धन भाव को देख रहा इसका मतलब है कि व्यक्ति स्वयं के कर्मो से प्रचुर सम्पत्ति का अर्जन करेगा अमिताभ बच्चन अपने परिश्रम के बल पर आज करोड़ों की संपति का मालिक बनकर समस्त सुख सुविधाओं का उपभोग कर रहे हैं। कर्मेश मंगल तथा भाग्येश शुक्र एक साथ बैठकर धन भाव को देख रहा है यह भी धन योग है।
चन्द्र कुंडली से भी कुंडली में धन योग विद्यमान है। धनेश मंगल लग्नेश शुक्र, लाभेश सूर्य तथा भाग्येश बुध एक भाव में बैठे है सब का एक भाव में बैठकर राजयोग, लक्ष्मी योग तथा धन योग का निर्माण कर रहा है। चन्द्र लग्न से धन कारक वृहस्पति केंद्र में उच्च होकर दसम भाव में बैठकर गजकेशरी योग, अमलकीर्ति योग का बन रहा है।
नोट
उपर्युक्त विवेचन से स्प्ष्ट है की यदि आपकी कुंडली में करोड़पति बनने का योग है और आप अपना कर्म कर रहे है तो अवश्य ही करोड़पति बनेंगे और भौतिक सुख-सुविधा का उपभोग करेंगे। उपर्युक्त बताये गए धन के ज्योतिषीय योग को आप स्वयं भी या किसी ज्योतिषी के द्वारा अपनी कुंडली में देख सकते है। प्रस्तुत कुंडली का विवेचन अत्यन्त ही संछिप्त में दिया गया है।
16 Comments
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sir m lagatar 4 years s job kr rha hun but mere pas paisa nhi thikta h kya ap kuchh tarika btayenge kya .
I WAS BORN ON 31.3.1981.MODAY 8 TO 8 past 42 minutes. So tell me my 2018 yearly predictions and I have taken a l0ttry which will drawn at 1st january by 4.30 p.m.on wards.so will i be winner of that lotrry no. Of lottry is B
Sir mere 9th house me Surya mangal shukra Buddha ki Yuti he kya meri kundali me bhi amitji ki tarah rajyog he
pls tell me that 19.3.18 is subh for joing in other deptt
I born in 1976 9 feb. My name is Dilip Kumar Misha, Birth place is Banenia, Supaul Bihar. I am working in NHPC AS Asstt. Provrammer. Promotio is a dream for me where i am higbly educared in IT FIELD ,from salary desire not fulfilled. Dhan tik nahi raha hai. pls tell me that same condition will be same or senerio will be changed.monday 19 mar 18 is subh for joinv
Born 1995/05/7 Ramesh meena jhallara
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मेरा नाम मनीष है क्या मुझे धन योग है
Sir dob is 22.01.71 place Patna time of birth 10.05 am.i am jobless.when I get job
WHICH YOG IS MY KUNDLI
DATE OF BIRTH 19.10.1971 TIME 4.30AM GURGAON HARYANA
Marg pradhan kre DOB 21.08.1988 Time : 1.00 Bhilai