27 नक्षत्रों के नाम, उनके ग्रह, देवता, राशि, चरणाक्षर एवं आकृति

27 नक्षत्रों के नाम, उनके ग्रह, देवता, राशि, चरणाक्षर एवं आकृति27 नक्षत्रों के नाम, उनके ग्रह, देवता, राशि, चरणाक्षर एवं आकृति. वैदिक ज्योतिष में नक्षत्रों का ग्रहों से भी अधिक महत्व दिया गया है। आकाश गंगा में 27 नक्षत्र हैं और एक अभिजीत नक्षत्र भी है। इस प्रकार कुल 28 नक्षत्र हो गए।  नक्षत्र विभिन्न आकार के हैं इनका आकार पशु-पक्षियों की तरह दिखाई देते हैं। सभी नक्षत्र व्यक्ति के जीवन में अपना प्रभाव डालते हैं। जातक जिस भी नक्षत्र में जन्म लेता है उस नक्षत्र के गुण-दोष के अनुसार ही उसका स्वभाव होता है। ज्योतिष शास्त्रानुसार प्रत्येक मनुष्य का स्वभाव, गुण-धर्म, जीवन शैली जन्म नक्षत्र से अवश्य ही जुड़ी होती है।

कैसे निर्धारित होता है नक्षत्र ?

वैदिक ज्योतिष में चन्द्रमा 27.3 दिन में पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरा करता है। इस परिक्रमा के दौरान चन्द्रमा जिन मुख्य तारों के समूहों के मध्य से गुजरता है, तो 27 विभिन्न तारा-समूह बनते हैं इन्ही तारों के विभाजित समूह को नक्षत्र या तारामंडल कहा जाता है। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि नक्षत्र तारों का एक समूह जो विभिन्न आकृतियों में प्रतिष्ठित है।

27 नक्षत्रों को मेष आदि 12 राशियां में बाँट दिया गया है। एक राशि में तीन नक्षत्र होते है। एक राशि 30 डिग्री होता है। एक नक्षत्र को 13 डिग्री 20 मिनट दिया गया है। पुनः नक्षत्रों को 4 पदों में बांटा गया है और प्रत्येक पद 3 डिग्री और 20 मिनट में बटा हुआ है। इस प्रकार प्रत्येक राशि में 9 पद स्थित हैं।

27 नक्षत्रों के नाम, उनके ग्रह, देवता, राशि, चरणाक्षर एवं आकृति

संख्या नक्षत्र स्वामी ग्रह नक्षत्र देवता राशि नक्षत्र चरणाक्षर नक्षत्र आकृति संज्ञा
1 अश्विनी केतु अश्विनी कु0 मेष चू,चे,चो,ला घोड़ा क्षिप्र
1 भरणी शुक्र काल मेष ली,लू,ले,लो त्रिकोण उग्र
1 कृत्तिका रवि अग्नि मेष, वृष अ,इ,उ,ए अग्निशिखा मित्र
1 रोहिणी चन्द्र ब्रह्मा वृष ओ,वा,वी,वू गाड़ी ध्रुव
5 मृगशिरा मंगल चन्द्रमा वृष वे,वो,का,की हरिणमस्तक वा विडालपद मृदु
6 आर्द्रा राहु रूद्र मिथुन कु,घ,ड़,छ् उज्वल तीक्ष्ण
7 पुनर्वसु बृहस्पति अदिति मिथुन, कर्क के,को,हा,ही धनुष या धर चर
8 पुष्य शनि बृहस्पति कर्क हू,हे,हो,डा माणिक्य वर्ण क्षिप्र
9 आश्लेषा बुध सर्प कर्क डी,डू,डे,डो कुत्ते की पूँछ वा कुलावचक्र तीक्ष्ण
10 मघा केतु पितर सिंह मा,मी,मू,मे हल उग्र
11 पूर्वा फाल्गुनी शुक्र भग सिंह मो,टा,टी,टू खट्वाकार X उत्तर दक्षिण उग्र
12 उत्तरा फाल्गुनी रवि अर्यमा सिंह, कन्या टे,टो,पा,पी शय्याकारX उत्तर दक्षिण ध्रुव
13 हस्त चन्द्र सूर्य कन्या पू,ष,ण,ठ हाथ का पंजा क्षिप्र
14 चित्रा मंगल विश्वकर्मा कन्या, तुला पे,पो,रा,री मुक्तावत् उज्वल मृदु
15 स्वाति राहु पवन तुला रू,रे,रो,ता कुंकुं वर्ण चर
16 विशाखा बृहस्पति शुक्राग्नि तुला, वृश्चिक ती,तू,ते,तो तोरण या माला मित्र
17 अनुराधा शनि मित्र वृश्चिक ना,नी,नू,ने सूप या जलधारा मृदु
18 ज्येष्ठा बुध इंद्र वृश्चिक नो,या,यी,यू सर्प या कुंडल तीक्ष्ण
19 मूल केतु निऋति धनु ये,यो,भा,भी शंख या सिंह की पूँछ तीक्ष्ण
20 पूर्वाषाढ़ा शुक्र जल धनु भू,ध,फ,ढ़ सूप या हाथी का दाँत उग्र
21 उत्तराषाढ़ा रवि विश्वेदेव धनु, मकर भे,भो,जा,जी सूप ध्रुव
22 श्रवण चन्द्र विष्णु मकर, जु,जे,जो,ख बाण या त्रिशूल क्षिप्र
23 धनिष्ठा मंगल वसु मकर,कुम्भ खी,खू,खे,खो मर्दल बाजा चर
24 शतभिषा राहु वरुण कुम्भ गा,गी,गू,गे मंडलाकार चर
25 पूर्वाभाद्रपद बृहस्पति आजैकपाद कुम्भ, मीन गो,सा,सी,सू भारवत् या घंटाकार चर
26 उत्तराभाद्रपद शनि अहिर्बुधन्य मीन से,सो,दा,दी दो मस्तक उग्र
27 रेवती बुध पूषा मीन दू,थ,झ,ण मछली या मृदंग ध्रुव

 

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