Retrograde Planets Effects – वैदिक ज्योतिष में वक्री ग्रह का फल

Retrograde Planets Effects – वैदिक ज्योतिष में वक्री ग्रह का फल. वैदिक ज्योतिष में वक्री ग्रह को विशेष महत्त्व दिया गया है यदि आपके जन्मकुंडली में कोई ग्रह वक्री अवस्था में है तो उसके फल कथन में विशेष रूप से सावधानी रखनी चाहिए। वक्री ग्रह का कुंडली में होना कुछ विशेष संकेत देता है। वक्री …

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Adhikmas 2020 | अधिकमास, मलमास, पुरुषोत्तम मास कब, क्यों और कैसे ?

Adhikmas 2020 | अधिकमास, मलमास, पुरुषोत्तम मास कब, क्यों और कैसे ? हिंदू कैलेंडर में सौर वर्ष और चांद्र वर्ष में सामंजस्य स्थापित करने के लिए प्रत्येक तीन वर्ष में एक चान्द्रमास की वृद्धि कर दी जाती है। इस वृद्धि को अधिमास, अधिकमास, मलमास या पुरुषोत्तम मास कहते हैं। पुरुषोत्तम मास के संबंध में कहा …

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Muntha Effects in Astrology | जन्मकुंडली में मुंथा का प्रभाव

Muntha Effects in Astrology | जन्मकुंडली में मुंथा का प्रभाव. मुंथा वास्तव में कोई ग्रह नहीं है परन्तु वर्ष कुण्डली में गणना के संदर्भ में इसका उपयोग विशेष रूप से किया जाता है। जातक के जन्म कुण्डली में मुन्था हमेशा लग्न में ही होती है और प्रत्येक साल यह एक राशि आगे की ओर बढ़ …

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Retrograde Planets – जानें ! ग्रह क्यों और कैसे वक्री होते हैं ?

Retrograde Planets – जानें ! ग्रह क्यों और कैसे वक्री होते हैं ? ज्योतिष में नव ग्रहों के आधार पर भविष्य कथन किया जाता है। इन ग्रहों के मार्गी और वक्री पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाता है। वैदिक ज्योतिष में वक्री ग्रह क्यों वक्री होते है ? तथा जातक के ऊपर उसका क्या …

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जितिया व्रत 2022 जानें ! जीवित्पुत्रिका व्रत महत्व, तिथि, विधि और कथा

जितिया व्रत 2022 जानें ! जीवित्पुत्रिका व्रत महत्व, तिथि, विधि और कथा. इस वर्ष आश्विन मास, कृष्ण पक्ष, अष्टमी तिथि 18 सितम्बर 2022 को है और उस दिन महिलाएं जितिया वा जीवित्पुत्रिका व्रत मनाएंगी । माता अपने बच्चों के दीर्घायु एवं स्वस्थ्य जीवन के लिए जितिया व्रत रखती है। इस व्रत में मां अपने बच्चों …

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संस्कृत भाषा का महत्त्व – 51 सूत्र से समझे संस्कृत पढ़ना क्यों है जरूरी ?

संस्कृत भाषा का महत्त्व – 51 सूत्र से समझे संस्कृत पढ़ना क्यों है जरूरी ? अमृतं संस्कृतं मित्र ! सरसं सरलं वचः । एकतामूलकं राष्ट्रे ज्ञानविज्ञानपोषकम्।। अर्थात  हे मित्र ! यह देव वाणी संस्कृत भाषा अमृत के समान है, सरल और सरस है, राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधती है और समस्त ज्ञान और …

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Janmashtami 2022 – जानें ! कब मनाएं जन्माष्टमी 2022

Janmashtami 2022 – जानें ! कब मनाएं जन्माष्टमी 2022 . ‘मासि भाद्रपदे अष्टम्यां कृष्णपक्षेऽर्द्ध रात्रके। वृष राशि स्थितो चन्द्रे नक्षत्रे रोहिणी युते। अर्थात  भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र एवं वृष के चंद्रमा कालीन मध्य रात्रि में हुआ था। इसी कारण प्रत्येक वर्ष इसी मास, तिथि और नक्षत्र में श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाया …

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श्री रामजी के किस मंत्र के जप से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं ?

श्री रामजी के किस मंत्र के जप से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं ? आज लोग भौतिक वा विलासी जीवन में इतने लिप्त हो चुके हैं कि मानवीय गुणों को भूलते जा रहें है। इसी कारण लोगो के अंदर आलस्य, लोभ, मोह, तृष्णा, जुगुप्सा, क्रोध, मानसिक कष्ट इत्यादि बढ़ गया है। इस कष्ट का …

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कलयुग में पापों से मुक्ति का एकमात्र उपाय – श्री रामचंद्रजी के 108 नाम का जप

कलयुग में पापों से मुक्ति का एकमात्र उपाय – श्री रामचंद्रजी के 108 नाम का जप कलयुग में पापों से मुक्ति का एकमात्र उपाय श्री रामचंद्रजी के 108 नाम. पद्म पुराण में महादेव पार्वती संवाद में शंकर जी पार्वती जी से कहते हैं कि श्रीरामचन्द्रजी के एक सौ आठ नाम का पाठ या श्रवण जो …

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